भारतीय शेयर मार्केट का मूल सिद्धांत मांग और पूर्ति (Demand and Supply) के नियम पर आधारित है। यह एक ऐसा संगठित तंत्र है जो छोटी और बड़ी कंपनियों को यह अवसर देता है कि वे आम जनता से पूंजी जुटा सकें, जिसका उपयोग वे अपने बिजनेस को बड़ा करने के लिए करती हैं, और इसके बदले में निवेशकों को कंपनी में शेयर (हिस्सेदारी) मिलती है।
शेयर मार्केट कैसे चलता है? इसे सुचारू रूप से चलाने में स्टॉक एक्सचेंज (BSE और NSE), ब्रोकर्स, खरीदार और विक्रेता जैसे तत्वों का प्रमुख योगदान होता है।
इस पूरे बाजार की अखंडता, पारदर्शिता और नियम-कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए SEBI (सिक्योरिटी ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) नामक संस्था एक सर्वोपरि नियामक (Regulator) के रूप में कार्य करती है, जिसके नियम सभी के लिए अनिवार्य हैं।
बाजार के स्वास्थ्य को मापने के लिए सेंसेक्स (टॉप 30) और निफ्टी (टॉप 50) जैसे सूचकांकों का प्रयोग होता है, जो इसकी गतिशीलता को दर्शाते हैं।
Table of Contents
शेयर मार्केट (Stock Market) के मूल सिद्धांत
कार्यप्रणाली
भारत में स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट मुख्य रूप से मांग और पूर्ति (Demand and Supply) के नियम पर काम करता है।
उद्देश्य और भूमिका
शेयर मार्केट छोटी और बड़ी कंपनियों को यह मौका देता है कि वे आप और हम जैसे लोगों से पैसा (पूंजी) जुटा सके।
इस जुटाई गई पूंजी का उपयोग कंपनियां अपने बिजनेस को बड़ा करने के लिए करती हैं।
इस पूंजी के बदले में, कंपनियां आपको अपने शेयर (Shares) देती हैं, जिससे आप कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं।
प्रमुख योगदानकर्ता
शेयर मार्केट को सुचारू रूप से चलाने में निम्नलिखित तत्वों का प्रमुख योगदान होता है:
- स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange)
- ब्रोकर्स (Brokers)
- खरीदार (Buyers)
- विक्रेता (Sellers)
ऐतिहासिक संदर्भ
एक समय था जब शेयर को खरीदने और बेचने के लिए आपको खुद स्टॉक एक्सचेंज जाना पड़ता था। उस समय, यह प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित था।
SEBI (सेबी) – भारतीय शेयर मार्केट का नियामक
SEBI का पूरा नाम सिक्योरिटी ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India) है।
मुख्य भूमिका (The Regulator)
- SEBI ही शेयर मार्केट के राजा (Regulator) के रूप में काम करता है।
- यह संस्था शेयर मार्केट के पूरे हाल-चाल पर नज़र रखती है और पूरे बाजार को चलाती है।
- SEBI का नियम सर्वोपरि होता है।
स्थापना और उद्देश्य
यह संस्था सरकार के द्वारा बनाई गई है। इसकी स्थापना शेयर मार्केट में हो रहे गलत कामों को रोकने और सही नियम बनाने के लिए की गई है।
अनुपालन और प्रवर्तन
SEBI किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर सज़ा देता है। जिसने भी SEBI के नियमों का पालन नहीं किया, वह शेयर मार्केट में काम नहीं कर सकता है।
यह नियम निम्नलिखित सभी संस्थाओं और व्यक्तियों पर लागू होता है:
- कोई कंपनी हो।
- कोई निवेशक हो।
- कोई ब्रोकर हो।
- या फिर स्वयं स्टॉक एक्सचेंज ही क्यों न हो।
भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं:
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
ये दोनों एक्सचेंज एशिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में गिने जाते हैं।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इस पर ब्रोकर्स ने 1875 से ट्रेडिंग करना चालू कर दिया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को देश की सरकार ने बनाया था। आज देश के अधिकतर लोग इसी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करते हैं।
निफ्टी और सेंसेक्स: भारतीय शेयर मार्केट के सूचकांक
निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स यानी सूचकांक हैं। ये सूचकांक भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की स्थिति (स्वास्थ्य) को दर्शाते हैं।
पिछले 20 सालों में, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बहुत सारी भारी गिरावट और बड़ी उछाल (volatile movements) देखी गई है, जो बाजार की गतिशीलता को दर्शाती है।
निफ्टी (Nifty)
निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से संबंधित है (इसका पूरा नाम Nifty 50 है)। निफ्टी देश के टॉप 50 सबसे बड़ी कंपनियों का इंडेक्स होता है।
सेंसेक्स (Sensex)
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से संबंधित है (इसका पूरा नाम Sensitive Index है)। सेंसेक्स देश की 30 सबसे बड़ी कंपनियों का इंडेक्स होता है।
निष्कर्ष: शेयर मार्केट कैसे चलता है?
भारतीय शेयर मार्केट एक संरचित तंत्र है जो मांग और पूर्ति (Demand and Supply) के मौलिक सिद्धांत पर काम करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों को पूंजी जुटाने और उनके कारोबार को बड़ा करने का अवसर देना है, जिसके बदले में निवेशक शेयर के माध्यम से कंपनी में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं।
इस पूरे मार्केट को सुचारू रूप से चलाने में स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर्स, खरीदार और विक्रेता जैसे तत्वों का प्रमुख योगदान होता है। ऐतिहासिक रूप से, ट्रेडिंग करने के लिए निवेशकों को मुंबई स्थित स्टॉक एक्सचेंज तक जाना पड़ता था।
बाजार की अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, SEBI (Securities and Exchange Board of India) एक सर्वोपरि नियामक (Regulator) के रूप में कार्य करता है। यह संस्था सरकार द्वारा स्थापित है, जो गलत कामों को रोकने और सही नियम बनाने के लिए जिम्मेदार है, और इसके नियमों का उल्लंघन करने पर किसी को भी मार्केट में काम करने की अनुमति नहीं होती है।
वर्तमान में, भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं:
- BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज): भारत का सबसे पुराना एक्सचेंज (स्थापना 1875)।
- NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज): सरकार द्वारा स्थापित, जिस पर आज अधिकतर ट्रेडिंग होती है।
बाजार के स्वास्थ्य और गतिशीलता को दर्शाने के लिए सूचकांकों (Indices) का प्रयोग किया जाता है:
- सेंसेक्स (Sensex): BSE की टॉप 30 कंपनियों का सूचकांक।
- निफ्टी (Nifty): NSE की टॉप 50 कंपनियों का सूचकांक।
कुल मिलाकर, शेयर बाजार एक नियंत्रित, पारदर्शी और गतिशील मंच है जो पूंजी निर्माण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
FAQ
शेयर मार्केट का मूल सिद्धांत क्या है और यह कैसे चलता है?
शेयर मार्केट का मूल सिद्धांत मांग और पूर्ति (Demand and Supply) के नियम पर काम करता है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ कंपनियाँ निवेशकों से पूंजी जुटाती हैं और बदले में उन्हें शेयर देती हैं। इसकी कार्यप्रणाली में स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर्स, खरीदार और विक्रेता जैसे तत्वों का प्रमुख योगदान होता है।
SEBI क्या है और इसकी मुख्य भूमिका क्या है?
SEBI का पूरा नाम सिक्योरिटी ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया है। यह भारतीय शेयर मार्केट के सर्वोपरि नियामक (Regulator) के रूप में कार्य करता है। इसकी मुख्य भूमिका गलत कामों को रोकना, सही नियम बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी संस्थाएँ (कंपनियाँ, निवेशक, ब्रोकर्स और एक्सचेंज) नियमों का पालन करें।
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं?
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) हैं जो एशिया के सबसे बड़े एक्सचेंज में गिने जाते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी क्या दर्शाते हैं?
सेंसेक्स और निफ्टी भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्स यानी सूचकांक हैं, जो बाजार के स्वास्थ्य और गतिशीलता को दर्शाते हैं।